बुधवार, 30 नवंबर 2011
भक्ति के नाम पर शोर से है परेशानी
मेरे गाँव में सूर्य-मंदिर के कंगूरे पर काफी शक्तिशाली माइक का चोंगा लगाकर प्रतिदिन अहले सुबह चार बजे से ही गाँव के ही कुछ लोगों द्वारा हनुमान चालीसा, कबीर अमृतवाणी, गायत्री मंत्र इत्यादि बजाया जा रहा है. मैंने इसके लिए सम्बंधित लोगों से बातचीत की, पर वे मुझे यही समझाते रहे कि आपको भगवान के भजन से ऐतराज क्यों है. वास्तव में मुझे भगवान के भजन से ऐतराज नहीं है बल्कि प्रचंड ध्वनि-प्रदूषण से परेशान हूँ. रात में प्रतिदिन बारह बजे सोने की आदत है और तुरत चार बजे भोर में ही नींद खुल जाती है. इस सम्बन्ध में थाना प्रभारी (दाउदनगर)- 9431822238, एस०पी० (औरंगाबाद)- 9431822974 तथा डीजीपी (बिहार)- 9431602301 के मोबाईल नंबर पर कई दिनों से लगातार मैसेज भेज रहा हूँ, पर अब तक कोई रेस्पोंस नहीं लिया गया. प्रबुद्ध तथा सक्षम मित्रों से आग्रह है कि वे मेरी मदद करें. यह समस्या केवल मेरे लिए ही नहीं है इससे लगभग दस हजार लोग प्रभावित हैं पर बात भगवत-भजन की है, विरोध कौन करे !!!!
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कुछ कटाक्ष सहने के बावजूद अपने गाँव में चार बजे भोर से ही बजनेवाली लाउड स्पीकर का वोल्यूम कम कर दिया जाना और समय को पांच बजे सुबह किया जाना, कुछ सुकून दे रहा है. अच्छा तो रहता इसे बंद ही कर दिया जाता. भगवान तो अंतर्यामी होते हैं, बिना बोले भी सुन लेते हैं. लोगों को संगीत (Music) और शोर (Noise) में फर्क तो समझना ही चाहिए.
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