आदरणीय महाशय,
सादर अभिवादन
पता नहीं क्यूं मुझे राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में एक बड़े घोटाले के लक्षण दिखाई दे रहे हैं । इसके आधिकारिक वेबसाइट पर बिहार में इस योजना के तहत वैसे गांवों की सूचि दी गई है, जहां कार्य पूर्ण कर लिया गया है । मैं बिहार के सभी गांवों को तो नहीं जानता पर औरंगाबाद जिले के बहुत से गांवों से परिचित हूं, जहां काम नहीं हुआ है, फिर भी इस सूचि में नाम दर्ज है । मसलन् अमौना, महम्मदपुर, मुसेपुर खैरा, नौडीहा, जमुवांव, मखरा, शमशेरनगर (सभी दाउदनगर प्रखंड) । महाशय, जब एक प्रखंड में इतने गांवों के बारे में गलत सूचना दी जा सकती है तो राज्य स्तर पर क्या हाल होगा ? और पूरे देश में तो यह खरबों का घोटाला होगा । कहीं यह झूठा रिपोर्ट देकर पैसा निकालने की साजिश तो नहीं है ? कृपया एक-एक गांवों के बारे में सक्षम एजेंसी से डीपीआर के अनुसार कार्य के बारे में निष्पक्ष जांच करायें, तथा उचित निर्देश दें ।
विश्वासी-
रजनीश कुमार
ग्राम पोस्ट - अरई
जिला - औरंगाबाद (बिहार)
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