रविवार, 29 मई 2011
सोमवार, 2 मई 2011
सोनिया गांधी के नाम एक बिहारी की चिट्ठी
आदरणीया सोनिया गाँधी जी,
सादर अभिवादन,
मैं एक जागरूक नागरिक की हैसियत से आपको यह मेल भेज रहा हूँ. दरअसल बिहार के राज्यपाल माननीय देवानंद कोंवर जी भ्रष्टाचार की सारी हदों को पार कर चुके हैं. इनसे पहले बिहार में इतने भ्रष्ट राज्यपाल आदरणीय बूटा सिंह को छोड़कर दूसरे कोई नहीं आए. बहुत दिनों बाद या यूँ कहें पहली बार बिहार को नीतीश कुमार जैसा दृढ़ इच्छाशक्तिसंपन्न, संवेदनशील और विकासोन्मुख एवं सकारात्मक विचार संपन्न मुख्यमंत्री नसीब हुआ है. उनके कार्यों से लगता है वे बिहार को आधुनिक और विकसित बनाने हेतु दिन-रात स्वप्न देखते हैं और उस स्वप्न को सत्य में बदलने हेतु प्रयत्नशील रहते हैं. ऐसी परिस्थिति में माननीय राज्यपाल उच्च शिक्षा के क्षेत्र के अवसान हेतु दिनानुदिन नए-नए कीर्तिमान स्थापित करने में मशगुल हैं. सबसे पहले तो वे विश्वविद्यालयों के कुलपति की नियुक्ति में बिना राज्य सरकार से विचार-विमर्श किए अवैध तरीके अपनाए, फिर उपकुलपति की नियुक्ति का तरीका भी वही रहा. विश्वविद्यालयों के कुलपति को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु चर्चित होना चाहिए था, पर, दुर्भाग्य से जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दिनेश प्रसाद सिंह बिहार की प्रसिद्द गायिका देवी के साथ छेड़छाड़ हेतु चर्चित हुए. हद तो तब हो गयी जब राज्य सरकार के पुरजोर आग्रह के बावजूद राज्यपाल ने उन्हें कुलपति जैसे सम्मानित पद से नहीं हटाया. मेरे पास प्रमाण तो नहीं हैं पर कहनेवालों की मानें तो कुलपति की नियुक्ति में राज्यपाल द्वारा पचास लाख से एक करोड़ रूपए तक वसूले गए हैं, उपकुलपति हेतु पन्द्रह लाख से पचीस लाख रूपए, यहाँ तक कि कालेजों के प्राचार्य की नियुक्ति में कुलपतियों द्वारा दस से लेकर पैंतीस लाख रूपए तक वसूले गए जिसमें निर्विवाद रूप से महामहिम की भी हिस्सेदारी रहती थी. अन्ना हजारे को प्रेषित पत्रोत्तर में आपने भ्रष्टाचार के विरुद्ध हर आन्दोलन को सहयोग एवं समर्थन देने का आश्वासन दिया है जो काबिलेतारीफ है. मुझे भ्रष्टाचार के विरुद्ध आपकी तत्परता को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि मेरे मेल पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए वर्तमान राज्यपाल को हटाकर किसी स्वच्छ छवि को आसीन करेंगी.
आपका विश्वासी-
रजनीश कुमार,
ग्राम पोस्ट - अरई,
थाना - दाउदनगर,
जिला - औरंगाबाद (बिहार),
पिन - ८२४१४३
सादर अभिवादन,
मैं एक जागरूक नागरिक की हैसियत से आपको यह मेल भेज रहा हूँ. दरअसल बिहार के राज्यपाल माननीय देवानंद कोंवर जी भ्रष्टाचार की सारी हदों को पार कर चुके हैं. इनसे पहले बिहार में इतने भ्रष्ट राज्यपाल आदरणीय बूटा सिंह को छोड़कर दूसरे कोई नहीं आए. बहुत दिनों बाद या यूँ कहें पहली बार बिहार को नीतीश कुमार जैसा दृढ़ इच्छाशक्तिसंपन्न, संवेदनशील और विकासोन्मुख एवं सकारात्मक विचार संपन्न मुख्यमंत्री नसीब हुआ है. उनके कार्यों से लगता है वे बिहार को आधुनिक और विकसित बनाने हेतु दिन-रात स्वप्न देखते हैं और उस स्वप्न को सत्य में बदलने हेतु प्रयत्नशील रहते हैं. ऐसी परिस्थिति में माननीय राज्यपाल उच्च शिक्षा के क्षेत्र के अवसान हेतु दिनानुदिन नए-नए कीर्तिमान स्थापित करने में मशगुल हैं. सबसे पहले तो वे विश्वविद्यालयों के कुलपति की नियुक्ति में बिना राज्य सरकार से विचार-विमर्श किए अवैध तरीके अपनाए, फिर उपकुलपति की नियुक्ति का तरीका भी वही रहा. विश्वविद्यालयों के कुलपति को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु चर्चित होना चाहिए था, पर, दुर्भाग्य से जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दिनेश प्रसाद सिंह बिहार की प्रसिद्द गायिका देवी के साथ छेड़छाड़ हेतु चर्चित हुए. हद तो तब हो गयी जब राज्य सरकार के पुरजोर आग्रह के बावजूद राज्यपाल ने उन्हें कुलपति जैसे सम्मानित पद से नहीं हटाया. मेरे पास प्रमाण तो नहीं हैं पर कहनेवालों की मानें तो कुलपति की नियुक्ति में राज्यपाल द्वारा पचास लाख से एक करोड़ रूपए तक वसूले गए हैं, उपकुलपति हेतु पन्द्रह लाख से पचीस लाख रूपए, यहाँ तक कि कालेजों के प्राचार्य की नियुक्ति में कुलपतियों द्वारा दस से लेकर पैंतीस लाख रूपए तक वसूले गए जिसमें निर्विवाद रूप से महामहिम की भी हिस्सेदारी रहती थी. अन्ना हजारे को प्रेषित पत्रोत्तर में आपने भ्रष्टाचार के विरुद्ध हर आन्दोलन को सहयोग एवं समर्थन देने का आश्वासन दिया है जो काबिलेतारीफ है. मुझे भ्रष्टाचार के विरुद्ध आपकी तत्परता को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि मेरे मेल पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए वर्तमान राज्यपाल को हटाकर किसी स्वच्छ छवि को आसीन करेंगी.
आपका विश्वासी-
रजनीश कुमार,
ग्राम पोस्ट - अरई,
थाना - दाउदनगर,
जिला - औरंगाबाद (बिहार),
पिन - ८२४१४३
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