ग्राम पंचायत अरई
जब छेड़ा मुजरिम का किस्सा, चर्चित था हाकिम का हिस्सा.
रविवार, 10 अक्टूबर 2010
ईमान
कभी हिन्दू, कभी मुसलमान बनते हैं;
वोट की खातिर अपना ईमान बदलते हैं।
कभी वास्ता ना रहा जिनका भगवान से;
पल-पल वो अपना भगवान बदलते हैं।।
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