बुधवार, 17 फ़रवरी 2010

दूसरों के लिए लड़ने वाले शशिधर की हत्या

बेगूसराय [जागरण संवाददाता]।
जालिमों ने भ्रष्टाचार के दुश्मन और शोषित-पीड़ितों की आवाज उठाने वाले की जुबान को हमेशा के लिए खामोश कर दिया। सूचना के अधिकार को हथियार बनाकर भ्रष्ट जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों को कटघरे में खड़ा करने वाले 30 वर्षीय शशिधर मिश्र उर्फ खबरीलाल की हत्या की खबर सुनकर लोग अवाक रह गए। फुलबड़िया पंचायत दो के निवासी शशिधर मिश्र की अपराधियों ने रविवार को देर रात गोली मारकर हत्या कर दी।

भाजपा से जुड़े लोकहित संघ नामक संस्था के कर्ता-धर्ता शशिधर को अपराधियों ने उस समय गोली मारी जब वे बाजार से घर का सामान खरीदकर लौट रहे थे। कोई भी उन्हें यूं ही खबरीलाल नहीं कहता था। जब भी किसी को कोई खास जानकारी करनी हो, नियम-कानून के बारे में पढ़ना-जानना और लड़ना हो तो वह खबरीलाल उर्फ शशिधर मिश्र के यहां हाजिर हो जाता था। उनके दरवाजे पर हर किसी की सेवा बिना लाग-लपेट और नि:स्वार्थ की जाती थी।

उनकी कार्यशैली से खफा कुछ असामाजिक तत्वों ने पिछले वर्ष भी उन्हें राष्ट्रीय उच्च पथ पर मारपीट कर अधमरा छोड़ दिया था। यहां उनकी जान बची, तो उनके घर में पिस्तौल छिपाकर पुलिस के लफड़े में उन्हें फंसाने की कोशिश की गई। लेकिन नापाक मंसूबे पालने वाले चित्त हो गए। शशिधर ने रविवार को खासकर अखबारनवीसों को बताया था कि दो दिन में वे आंगनबाड़ी से संबंधित एक बड़े घपले का खुलासा करेंगे और दोषी को सजा दिलाने को उच्चस्तर तक जाएंगे। क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सेविका-सहायिका के घालमेल से हो रही अनियमितता पर सूचना के अधिकार के तहत उन्होंने जानकारी मांगी थी।

लोगों का यह कयास है कि शायद इसकी भनक उन सफेदपोशों को लग गई, जो इस घालमेल से जुड़े थे और उन्हीं लोगों ने भाड़े के हत्यारों से शशिधर मिश्र की आवाज को शांत करा दिया। उन्होंने लोकहित के आधा दर्जन से ज्यादा मामलों का खुलासा किया और कई में दोषियों को सजा भी दिलवाई। इसी के चलते जहां उन्हें पसंद करने वालों की बड़ी संख्या थी, वहीं उनसे बुराई मानने वाले लोग भी थे। शशिधर मिश्र के भाई महेदर मिश्र ने हत्या में संलिप्तता के आरोप में पंचायत निवासी रंजीत मिश्र व उनके दो भाइयों सहित कुल पांच लोगों के खिलाफ फुलबड़िया थाने में शिकायत दर्ज कराई है। हत्या के विरोध में सोमवार को बाजार बंद रखा गया।

1 टिप्पणी:

  1. very sad to hear about Shashidhar's murder. May his soul rest in peace and lest he be forgotten, let us follow his path to make him an example for posterity. It is he and the likes of Patna's 3 idiots that would be remembered and not Shahidhar's killers. God bless our Bihar. Best wishes - Manoj

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